Kab aayega Sawera/کب آئے گا سویرا
یہ نظم Kab aayega Sawera انسانی جذبات، دکھ، دھوکہ، فانی دنیا کی حقیقت اور ربّ العزت کی دائمی حقیقت کا عکاس ہے۔ شاعر دل کی گہرائیوں سے اُس اندھیرے، بےیقینی اور غم کو بیان کرتا ہے جو زندگی کے مشکل موڑوں پر انسان کا مقدر بنتے ہیں۔ محبوب کا دھوکہ، وقت کی بےرحمی، اور دنیا کی ناپائیداری شاعر کو اس نتیجے پر پہنچاتی ہے کہ اصل سکون، اصل حقیقت اور بقا صرف خدا کے نام میں ہے۔یہ کلام نہ صرف دردِ دل کی عکاسی ہے بلکہ ایک روحانی بیداری کا پیغام بھی ہے۔ یہ نظم قاری کو دعوت دیتی ہے کہ وہ اپنے اندر جھانکے، دنیا کی حقیقت کو سمجھے اور اپنے رب کے ساتھ تعلق کو مضبوط کرے۔
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Kab aayega Sawera/کب آئے گا سویرا
چھائی گھٹائیں کالی، اُس پہ گھنا اندھیرا
کب آئے گا سویرا، کب آئے گا سویرا؟
کس پہ کریں بھروسا، کس سے جوڑیں یہ ناطہ
جس پہ یقین تھا دل کو، نکلا وہی لٹیرا
دل میں جسے بسایا، اپنا جِسے بنایا
ایک وقت ایسا آیا، وہی رہا نہ میرا
دیکھو یہ ستم کیسا، وقت نے ہے مجھ پہ ڈھایا
بجلی جہاں گری تھی، وہیں تھا میرا ڈیرا
ہر شے یہاں کی فانی، یہ دنیا ہے آنی جانی
جو باقی ہے یہاں پہ، مالک وہ نام ہے تیرا
کیا لے کر محب آیا، جو لے کر تُو جائے گا
کیا کھویا اور کیا پایا، نہ میرا نہ کچھ تیرا
03/03/2008
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कब आएगा सवेरा/Kab Aayega Sawera
यह कविता Kab aayega Sawera इंसानी जज़्बातों, विश्वासघात, जीवन की नश्वरता और ईश्वर की शाश्वत सच्चाई को गहराई से उजागर करती है। कवि अपने दिल के दर्द, अंधकार और जीवन के कठिन मोड़ों पर आई निराशा को बेहद भावुकता से व्यक्त करता है। जब अपनों से धोखा मिले, समय ज़ुल्म करे और दुनिया की सच्चाई सामने आए—तब इंसान को अहसास होता है कि इस नश्वर संसार में केवल एक ही नाम सच्चा है, और वो है परमात्मा का।
यह कविता केवल दुःख की नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति की एक पुकार है। यह पाठक को भीतर झांकने और सच्चे अर्थों में ईश्वर से जुड़ने की प्रेरणा देती है।
कब आएगा सवेरा/Kab Aayega Sawera
छाई घटाएं काली, उस पर घना अंधेरा
कब आएगा सवेरा, कब आएगा सवेरा?
किस पर करें भरोसा, किससे जोड़ें ये नाता
जिस पर यक़ीन था दिल को, निकला वही लुटेरा
दिल में जिसे बसाया, अपना जिसे बनाया
एक वक़्त ऐसा आया, वही रहा न मेरा
देखो ये सितम कैसा, वक़्त ने है मुझपे ढाया
बिजली जहां गिरी थी, वहीं था मेरा डेरा
हर शै यहां की फ़ानी, है दुनिया ये आनी-जानी
जो बाकी है यहां पर, मालिक वो नाम है तेरा
क्या लेकर मोहिब आया, जो लेकर तू जाएगा
🌸✨🌿 ~ Mohibz Tahiri ~ 🌿✨🌸
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